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Bharatiya Vichar Manch ...
- श्रीमद्भगवद्गीता
निष्ठुर आलोचना और स्वतंत्र विचार ये क्रांतिकारी सोच के दो अहम् लक्षण हैं |
- भगत सिंह
Love and doubt have never been on speaking terms.
- Khalil Gibran
कष्ट सह कर ही सबसे मजबूत लोग निर्मित होते हैं ; सबसे महान चरित्रों पर घाव के निशान होते हैं।
- खलील जिब्रान
संतुलित दिमाग से जैसी कोई सादगी नहीं है, संतोष जैसा कोई सुख नहीं है, लोभ जैसी कोई बीमारी नहीं है,और दया जैसा कोई पुण्य नहीं है |
- चाणक्य
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